मोती ,...
तेरी आंखो के समंदर में कदम रखूँ भी तो कैसे,
आज ही मैने किनारों पर बिखरे हुए मोती देखे हैं,
पर जाना नही तुमने इन मोतियों का मोल,
शायद तभी ये मोती हमने बहते हुए भी देखे हैं,
तेरी आँखो में ताउम्र खुशियाँ देखने की चाह है मेरी,
मेरी फिक्र के जज्बात तो हमेशा देखे हैं,...
आज ही मैने किनारों पर बिखरे हुए मोती देखे हैं,
पर जाना नही तुमने इन मोतियों का मोल,
शायद तभी ये मोती हमने बहते हुए भी देखे हैं,
तेरी आँखो में ताउम्र खुशियाँ देखने की चाह है मेरी,
मेरी फिक्र के जज्बात तो हमेशा देखे हैं,...
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