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Gaurav verma

Monday, November 21, 2005

कल और आज

आज,जब गुजरे हुये कल की याद आयी,
दिल मे तुम्हारी और सिर्फ़ तुम्हारी याद आयी,
इस बार न आया कोई बीते वक्त का बुरा सपना,
पर कल क्या होगा,इससे डर गया दिल अपना,
जो भी हो,जैसा भी हो,
मैने अपना हर कल तेरे नाम लिखा,
पर कल का क्या भरोसा,
इसलिये मैने आने वाला हर आज तेरे नाम लिखा ।

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1 Comments:

  • बाप रे! मुझे तो पता ही नहीं था कि आप ्लिखते भी हैं और वो भी हिन्दी में.

    By Blogger Vikash, at 7:20 PM  

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