इक टुकडा दिल का,...
इस दिल को कैसे तेरी यादो से दूर ले जाऊँ,
तुझे याद ना करे इतना,कैसे मै इसको ये समझाऊँ,
पर क्या करें,ये दिल भी मजबूर है,
क्योंकि इसका भी इक टुकडा इतने दिनों से उससे दूर है ।
तुझे याद ना करे इतना,कैसे मै इसको ये समझाऊँ,
पर क्या करें,ये दिल भी मजबूर है,
क्योंकि इसका भी इक टुकडा इतने दिनों से उससे दूर है ।
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