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Gaurav verma

Sunday, July 03, 2005

Fear ...

जमाने से नही हम तो तन्हाई से डरते हैं,
मोहब्ब्त से नहीं हम तो रुसवाई से डरते हैं
मिलने कि तमन्ना तो बहुत है इस दिल में
पर मिलने के बाद तेरी जुदाई से डरते हैं.

तुमसे बातें करते करते वक्त का पता ही न चला,
वरना वक्त हमारा कम्बखत काटे नही कटता...

इक शाम आती है तेरी याद ले कर,
इक शाम जाती है तेरी याद ले कर,
हमें तो उस शाम का इंतजार है,
जो आये तुम्हे साथ ले कर !

इक तो तेरी आवाज याद आयेगी...
तेरी कही हुई हर बात याद आयेगी...
दिन ढल जायेगा, रात याद आयेगी...
हर लम्हा पहली मुलाकात याद आयेगी...
कभी हँसती कभी रोती भी मुस्कुराती...
ये जिंदगी तेरे बिन भी कट जायेगी...
पर कुछ कमी इसमें भी तो रह जायेगी...
दिल को तडपायेगी कभी तरसायेगी..
हर लम्हा तेरी याद आ जायेगी..

हर लम्हा हर घडी तुझ को याद किया,
हम ने बात बेबात तुझको याद किया
नींद नाराज रही हमसे रात भर...
जिस रात हमने तुझे याद किया

काश हमारी दुआ में इतना असर हो जाये,
हम उन्हे याद करें और उन्हे खबर हो जाये...

रात के अंधेरे में जब लहराई जुल्फें आप की,
तो यूँ लगा मानो चाँद भी शरमा रहा हो,
शरमाता हुआ जैसे,...
शरमाता हुआ जैसे,...
तुम्हारी जुल्फों के पीछे छुपा जा रहा हो....

चाँद को देखे तो तेरा चेहरा नजर आये,
फिर क्यूँ चाहेगें हम कि ये चाँद डूब जाये...

सितारों कि नुमाईश में खलल पडता है,
चाँद तो पागल है,...जो रोज़ निकल पडता है,
ऐ दिल जरा धीरे धडक...
ऐ दिल जरा धीरे धडक...
धडकन से भी उनकी यादों में खलल पडता है...

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